About Gandharva Haritiki churn

गंर्धव हरितिकी चूर्ण कब्ज, गैस, अपच, के लिए रामबाण चूर्ण है। इसे कम्पनी के डायरेक्टर को मुम्बई के एक एम. डी डॉ0 ने सजेस्ट किया था। रिस्पान्स चमत्कारी था बस इसीलिए इसे मिंगोमार्ट मे शामिल किया गया, बिना किसी तामझाम के बस ये वर्क करता है पेट मे ऐंठन भी नही होती और सुबह सुबह एक ही बार मे नार्मल तरीके से पेट क्लीयर हो जाता है। और आप को मिलता है पूरे दिन का सुकून। कई बार गैस के कारण आपका पेट टूँ टूँ बोलता है, या दिन मे दो तीन बार शौच के लिये जाते है, फिर भी शौच नही होती पेट पूरी तरह से क्लीयर नही होता आपका सारा दिन बेकार जाता है, किसी काम पे कंसन्ट्रेट नही कर पाते ऐसे मे गंर्धव हरितिकी चूर्ण प्रभावशाली तरीके से आपकी हेल्प करता है, और आपको इसका पता भी नही चलता। ये एक लाजवाब चूर्ण है इसके जैसा दूर दूर तक कोई नही। गंर्धव हरितिकी चूर्ण 90 साल पुरानी कम्पनी आर्युवेदीया अर्कशाला लिमिटेड सतारा का प्रोडक्ट है, और आयुर्वेदिक मेडिसिन बनाने का कम्पनी के पास 90 साल का अनुभव है, इसीलिए एडवांस फार्मूले से तैयार मेडिसिन बेस्ट क़्वालिटी की होती है, और 100 परसेंट वर्क करती है। 50 सालो से डाक्टर्स आर्युवेदीया अर्कशाला लिमिटेड की मेडिसिन लिखते आ रहे है। इसे हमेशा इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है।
नोट– गंधर्व हरितकी चूर्ण स्पेसियली फार्म्यूलेटेड है कब्ज, गैस और डिस्पेप्सिया(बदहज़मी) के लिये।
- डिस्पेप्सिया (अपच ,बदहजमी) क्या है?
डिस्पेप्सिया आपकी आंत के ऊपरी हिस्से में उत्पन्न हुई किसी समस्या के कारण आने वाली कई समस्याओं के लिए प्रयुक्त होने वाला एक शब्द है। इसे अपच या पेट में गड़बड़ के नाम से भी पहचाना जाता है। यह पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द् या जलन का एहसास है। पेट में उपस्थित अम्ल जब पाचन तंत्र की संवेदनशील सुरक्षाकारक परतों के संपर्क में आता है, तो इसका परिणाम इन परतों की उत्तेजना और सूजन ( पीड़ा और फूलना ) के रूप से सामने आता है जिसके फलस्वरूप डिस्पेप्सिया उत्पन्न होता है।
- इसके लक्षण क्या होते हैं?
अपच के लक्षणों में पेट में या पेट के ऊपरी हिस्से में जलन, सीने में जलन (पेट में या आहारनली में जलन का एहसास), पेटदर्द, पेट फूलना (भरे हुए होने का एहसास), डकार और गैस, मतली और उल्टी, अम्लीय स्वाद, पेट में “गुड़गुड़” या अतिसार आदि हैं।
अधिकांश मामलों में अपच, खाने या पीने से संबंधित होता है। अपच किसी भी उम्र के पुरुष और महिलाओं को हो सकता है।
अपच बदहजमी यानी डिस्पेप्सिया मे गंधर्व हरितकी चूर्ण बहुत कारगर है चूँकि ये कब्ज को ठीक करता है, (bowlmovement) को रेगुलेट करता है, और पाचनतंत्र को मजबूत बनाता है, जिसकी वजह से अपच बदहजमी यानी डिस्पेप्सिया आसानी से ठीक हो जाती है। गंधर्व हरितकी चूर्ण को रात मे सोने से पहले गरम पानी के साथ 1 या 2 चम्मच जरूरत के अनुसार लिया जाता है। दूसरे दिन से आधा चम्मच ले सकते है जब (bowlmovement) रेग्युलर हो जाये तो गंधर्व हरितकी चूर्ण लेना बंद कर सकते है।
गन्धर्व हरीतिकी चूर्ण यूज़ करने के टॉप रीज़न
- खास बात जिसमे ये दूसरो से सबसे अलग है– गन्धर्व हरीतिकी चूर्ण सौम्य विरेचक (Mild Laxative) है। जैसा की नाम से ही स्पस्ट है (bowlmovement) के उपर इसका बहुत ही सॉफ्ट प्रभाव होता है। यह stool softener का काम करता है। गन्धर्व हरीतिकी चूर्ण पेट के नार्मल फक्शन (bowlmovement) को बिगाडता नही है 100 % रिस्टोर करता है इसके इस्तेमाल से पेट मे ऐंठन और मरोड नही होता ये नार्मल तरीके से कब्ज को दूर करता है। मार्केट मे एविलेबल लगभग सभी ब्रांडेड कम्पनी के चूर्ण को टेस्ट किया गया, उनमे से ये सबसे बेस्ट पाया गया ये एक चमत्त्कारी चूर्ण है इसके जैसा दूर दूर तक कोई नही।
- शादी विवाह या किसी पर्व होली दिवाली में आप कई तरह के व्यंजन खा लेते है, और अगले दिन आपका पेट डिस्टर्ब हो जाता है, गैस और कब्ज की प्रॉब्लम हो जाती है, तो ऐसे में गन्धर्व हरीतिकी चूर्ण आपके बाउल मूवमेंट या पेट के फंक्शन को रिस्टोर या ठीक करने में १०० परसेंट हेल्प करता है।
- आप दिन में कई बार शौच के लिए जाते है, शौच नहीं होती पेट पूरी तरह साफ़ नहीं होता काफी देर तक बैठे रहना पड़ता है, जोर लगाना पड़ता है, जिस से बाद में पाइल्स व फिशर की प्रॉब्लम शुरू हो जाती है। गन्धर्व हरीतिकी चूर्ण प्रयोग करने के बाद जोर लगाने या देर तक बैठने की कोई जरूरत नहीं होती एक ही बार में नॉर्मल तरीके से पेट क्लीयर हो जाता है, इसे लेने के बाद में पैट में ऐंठन या मरोड़ नहीं होती जैसा की अन्य चूर्ण लेने से होता है।
- एलोपैथिक Laxative दवाओ के कई तरह के साइडइफेक्ट होते है गंधर्व हरितकी चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका साइडइफेक्ट नही होता।
- गैस कब्ज बदहजमी की 15 दिन की एलोपैथिक दवा लगभग 1000 रु की आती है और गंधर्व हरितकी चूर्ण 450 रु का है 500 ग्राम का पैक है 6 महीने से ज्यादा चलता है, और ये बहोत प्रभावशाली और असरदार है
गंधर्व हरितकी चूर्ण मे हरितकी (हरड) का प्रयोग मुख्य रूप अन्य औषधियो के साथ किया गया है। और हरितकी (हरड) के सेवन से अन्य बहुत सारे लाभ भी होते है। हरितकी (हरड) के अन्य फायदे के बारे मे जानने के लिए आप गूगल सर्च इन्जन या किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की सहायता ले सकते है।
आइये जानते हैं कि हरितकी (हरड) का इस्तेमाल और किन किन समस्याओं के इलाज में किया जा सकता है।
हरितकी मे एन्टीएजिंग प्रापर्टी होती है मतलब हरतिकी के प्रयोग से शरीर लंबे समय तक जवान और स्वस्थ बना रहता है।
अपच, ( बदहजमी ) यानी डिस्पेप्सिया मे ये बहुत ही कारगर है।
उदर रोग
हरितिकी पाचन तंत्र के कार्य ठीक करती है और पाचनतंत्र को मजबूत करती है।
कब्ज
पेट की गैस में
एनीमिया में
बवासीर
फिस्टुला
हरितिकी उल्टी रोकने में भी सहायक है
खांसी
ह्रदय रोग में
गैस्ट्रिक समस्याओं में
शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति में वृद्धि
सिर दर्द में
पुराने कब्ज में
आंतरिक बुखार में
रेचक के रूप में कार्य करता है
पीलिया में
पेट दर्द में
हरितकी (हरड) वात को कम करती है
पित्त को बढ़ाती है
कफ को कम करती है
हरितकी (हरड) अन्य उपयोगों के लिए भी निर्धारित की जा सकती है। अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक या फार्मासिस्ट से संपर्क करें।